सीकर में गैंगस्टर राजू ठेहट की गोली मारकर हत्या कर दी गई। चार-छह बदमाशों ने राजू ठेहट को उसके घर के पास ही गोली मार दी। राजू ठेहट की आनंदपाल गैंग और बिश्नोई गैंग से रंजिश चल रही थी। लॉरेंस बिश्नोई के राहित गोदारा ने हत्याकांड की जिम्मेदारी ली है। रोहित गोदारा ने लिखा कि उसने आनंदपाल और और बलबीर की हत्या का बदला ले लिया है।
राजू ठेहट की हत्या की सूचना पर पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। पुलिस ने पूरे जिले में नाकाबंदी कर दी है। राजू ठेहत के तीन गोली लगने की सूचना मिली है। हरियाणा और झुंझुनू की सीमाओं को सील कर दिया गया है। कहा जा रहा है कि गैंगस्टर राजू ठेहट अपराध की दुनिया को छोड़ कर राजनीति में आनेवाला था।
फायरिंग में एक अन्य भी घायल
सीकर के एसपी कुंवर राष्ट्रदीप ने कहा कि राजू ठेहट की हत्या कर दी गई। सीसीटीवी के आधार पर हत्याकांड में चार युवकों के शामिल होने की बात सामने आई है। सीसीटीवी में दिख रहा है कि एक युवक राजू से बातचीत भी कर रहा है। ऐसा लग रहा है कि दोनों में जान-पहचान थी। मामले की जांच में पुलिस जुट गई है। फायरिंग में एक युवक भी घायल हो गया है। वहीं रोहित गोदारा के हत्याकांड की जिम्मेदारी लेने पर एसपी ने कहा कि इसकी जांच करवाई जा रही है।


घर के बाहर खड़ा राजू ठेहट और बदमाश - फोटो : Amar Ujala Digital
सीसीटीवी में क्या दिखा
राजू ठेहट हत्याकांड के कई सीसीटीवी फुटेज सामने आए हैं। जिसमें दिख रहा है ठेहट के घर के सामने एक ट्रैक्टर आकर रुकता है। वहीं चार-पांच बदमाश राजू ठेहट के घर के बाहर खड़े हैं। जिसके बाद बदमाश ठेहट पर फायरिंग कर देते हैं। फिर बदमाश राजू ठेहट को चेक करते हैं कि वो जिंदा है या नहीं।
सीकर बंद करने का एलान
राजू ठेहट की हत्या से आक्रोशित वीर तेजा सेना ने अनिश्चितकालीन के लिए सीकर बंद करने का एलान किया है। इसके साथ ही उन्होंने शव उठाने से इनकार कर दिया है। वहीं जाट समाज के लोग सीकर की दुकानों को बंद करवा रहे हैं। वो बाजरों में घूम-घूमकर दुकानदारों से दुकान बंद रखने को कह रहे हैं। वीर तेजा सेना के सीकर बंद कराने को लेकर पुलिस बल मौके पर तैनात किया गया। कल्याण चिकित्सालय की मोर्चरी के बाहर वीर तेजा सेना के कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लग गया है। मोर्चरी के बाहर भीड़ देखकर पुलिस बल तैनात किया गया है।

दुकान बंद कराते वीर तेजाजी के कार्यकर्ता - फोटो : Amar Ujala Digital
1995 में क्राइम की दुनिया में राजू ठेहट ने ली थी एंट्री
राजू ठेहट का अपराध की दुनिया में नाम गैंगस्टर आनंदपाल सिंह से पहले से ही फैला हुआ था। आनंदपाल सिंह की मौत के बाद भी राजू ठेहट की दबंगई कम नहीं हुई। अपराध के दुनिया में ठेहट ने 1995 के दौर में एंट्री की थी। उस समय भाजपा की भैरोंसिंह सरकार हवा के झोंके में झूल रही थी और राजस्थान में राष्ट्रपति शासन लागू था। सीकर का एसके कॉलेज शेखावाटी के राजनीतिक का केंद्र था। कॉलेज में एबीवीपी का दबदबा था। गोपाल फोगावट शराब के धंधे से जुड़ा हुआ था। जिसके संरक्षण में राजू ठेहठ भी शराब का अवैध कारोबार करने लगा।
अवैध शराब का कारोबार करता था ठेहट
फोगावट के साथ काम करते हुए राजू ठेहट की मुलाकात बलबीर बानुडा से हुई। बानुडा दूध का व्यापार करता था लेकिन राजू ठेहट से मुलाकात के बाद बानुडा को खूब पैसा कमाने की लत लगी। वह भी राजू ठेहट के साथ मिलकर शराब का कारोबार करने लगा। साल 1998 में बलबीर बानुडा और राजू ठेहट ने मिलकर सीकर में भेभाराम हत्याकांड को अंजाम दे दिया। यहीं से शेखावाटी में गैंगवार की शुरुआत हो गई। 1998 से लेकर 2004 तक बानुडा और राजू ठेहट ने शेखावाटी में शराब के अवैध कारोबार बेरोकटोक करने लगे। अगर कोई इस धंधे में शामिल उनकी जी हजूरी नहीं करता तो दोनों उसे रास्ते से हटा देते।
बलबीर बानुडा से दोस्ती दुश्मनी में बदली
2004 में वसुंधरा राजे के पास राजस्थान की गद्दी थी। राजस्थान मे शराब के ठेकों की लॉटरी निकाली गई। जिसमें जीण माता में शराब की दुकान राजू ठेहट और बलबीर बानुडा को मिली। दुकान शुरू हुई और उस पर बलबीर बानुडा का साला विजयपाल सेल्समैन के तौर पर रहने लगा। दिनभर में हुई शराब की खपत का हिसाब शाम को विजयपाल बानुडा और ठेहट दोनों को देता था। दुकान से जिस प्रकार की बचत राजू ठेहट चाहता था, वह बचत उसे मिल नहीं रही थी। ठेहट को लगा की विजयपाल दुकान की शराब बेचने की बजाय ब्लैक में शराब बेचता है। इसी बात को लेकर राजू ठेहट और विजयपाल में कहासुनी हो गई और कहासुनी इस हद तक बढ़ गई की राजू ठेहट ने अपने साथियों के साथ मिलकर विजयपाल की हत्या कर दी।
विजयपाल की हत्या के बाद राजू ठेहट और बलबीर बानुडा की दोस्ती अब दुश्मनी में बदल गई। इसके बाद आनंदपाल और बानुडा ने राजू ठेहट के संरक्षक की हत्या कर दी। जिसके बाद राजू ठेहट भी आनंदपाल और बलबीर बानुड़ा के खून का प्यासा हो गया। दोनों गैंग एक दूसरे पर हमला करने लगे। आनंदपाल एनकाउंटर में मारा गया। जिसके बाद राजू ठेहट का शेखावटी में वर्चस्व बढ़ गया था।
चार संदिग्धों की हुई पहचान
हिस्ट्रीशीटर राजू ठेहट हत्याकांड में शामिल चार संदिग्धों की पहचान कर ली गई है। पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा ने बताया कि राजू ठेहट हत्याकांड में शामिल पांच संदिग्धों में से चार की पहचान कर ली गई है। मिश्रा ने बताया कि बदमाशों को पकड़ने के लिए पूरे प्रदेश में नाकाबंदी की गई है। उन्होंने बताया कि सीकर में स्थिति शांतिपूर्ण है और स्थिति पर गंभीरता से नजर रखी जा रही है। इस मामले में जिन चार संदिग्धों की पहचान हुई है उनके नाम अभी उजागर नहीं किए गए हैं।
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सीकर में गैंगस्टर राजू ठेहट की दिन हत्या के बाद राजस्थान की सियायत भी गरमा गई है। राजू ठेहट की हत्या के बाद कई नेता सीकर पहुंच चुके हैं। इस घटना को लेकर भाजपा ने प्रदेश की गहलोत सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने अपने मृत पिता के साथ बैठी एक लड़की का फोटो शेयर करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, मुखिया जी आप राहुल गांधी को तो खुश कर लेंगे मगर जिनके लिए सत्ता संभाली उसे क्या जवाब देंगे ? इस बच्ची को क्या मुंह दिखाएंगे ? उन्होंने लिखा कि मुख्यमंत्री जो गृहमंत्री भी हैं उनके द्वारा कानून व्यवस्था की समीक्षा मात्र फोटो खिंचवाने तक ही सीमित है। कानून व्यवस्था को मजबूत करने के लिए इनके पास कोई ठोस एक्शन प्लान नहीं है, ना प्रदेश की जनता की सुरक्षा के लिए चिंतित हैं, इसलिए नैतिकता के आधार पर इनको इस्तीफा दे देना।
घटना के लिए स्थानीय सांसद सुमेधानंद सरस्वती ने भी राजस्थान सरकार की लापरवाही को जिम्मेदार बताया। सुमेधानंद सरस्वती ने सीकर के एसके अस्पताल स्थित मोर्चरी पहुंचकर पुलिस अधिकारियों से चर्चा की। इस दौरान वे बालिका के परिजन से भी मिले